शुक्रतीर्थ - शुक्रताल
शुक्रतीर्थ – शुक्रताल ऐसा पवित्र स्थान है जहां शुकदेव गोस्वामी ने 5000 साल पहले अभिमन्यु के पुत्र महाराज परीक्षित को पवित्र श्रीमद-भागवतम (भागवत पुराण) की कथा सुनाई थी । यह उत्तर भारत का एक प्रसिद्ध पवित्र स्थान और मुज़फ्फरनगर से लगभग २८ किलोमीटर दूर पवित्र गंगा किनारे स्थित है । हर साल बहुत से तीर्थयात्री कार्तिक पूणिमा के दिन पवित्र नदी ‘गंगा’ में स्नान करने के लिए आते हैं।
शुक्रताल के अन्य दर्शनीय स्थान:
अक्षयवट (अनन्त वृक्ष): अक्षयवट एक पहाड़ी पर बड़ा स्थित है पुराणिक कथा के अनुसार इस अक्षयवट (बरगद का पेड़) के नीचे, ऋषि शुकदेव ने श्रीमद्भगवतीत कथा को राजा परीक्षित को सुनाया था। इस पेड़ की विशिष्टता यह है कि यह पेड़ कभी अपने पत्ते नहीं छोडता है ।
शुक्देव मंदिर: इस भव्य मंदिर में खूबसूरती से नक्काशी की गई ऋषि शुकदेव और राजा परीक्ष की मूर्तियां स्थापितहै ।
भगवान हनुमान मंदिर: शुकदेव मंदिर के नजदीक में ही हनुमान जी का एक विशाल मंदिर है । इस मंदिर के ऊपर हनुमान जी की 75 फुट ऊंची मूर्ती स्थापित है।
गणेश मंदिर: हनुमान जी के मंदिर के पास ही एक बेहद दर्शनीय गणेश मंदिर है जहाँ 35 फुट ऊँची भगवन गणेश जी की मूर्ती स्थापित है ।
इसके अतिरिक्त यहाँ भगवान शंकर मंदिर, स्वामी चरनदासजी मंदिर,चरनदासजी मंदिर, भगवान राम मंदिर, देवी शकंभरी मंदिर, नीलकंठ महादेव मंदिर, गंगा मंदिर के दर्शनीय मंदिर भी स्थापित हैं ।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
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ट्रेन द्वारा
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सड़क के द्वारा
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