शुक्रताल गंगा स्नान
दिल्ली से, यह महत्वपूर्ण पवित्र स्थान दिल्ली और हरिद्वार के बीच लगभग दो तिहाई मार्ग पर स्थित है। यह छोटा सा शहर पवित्र गंगा नदी की एक शाखा के किनारे पर बसा है। इस पवित्र स्थान पर शुकदेव जी महाराज ने अक्षय वट के नीचे बैठकर लगभग 5000 साल पहले महाराज परीक्षित को श्रीमद भागवत की कथा सुनाई थी ।
यहाँ पर मुज़फ्फरनगर शहर से एक घंटे में पहुंचा जा सकता है। यह दिल्ली से लगभग 150 किमी दूर है।
शुकतीर्थ – भागवत पीठ शुक्देव आश्रम 5100 वर्ष पुराने अक्षय वट वृक्ष के पेड़ के आसपास बनाया गया है । जो पहाड़ी की चोटी पर बैठता है । शुक देव गोस्वामी जी ने अक्षय वट के नीचे बैठकर 5000 साल पहले महाराजा परीक्षित तथा 80,000 ऋषियों को श्रीमद भगवत की कथा सुनाई थी । अक्षय वट वृक्ष विशिष्टता है कि यह कभी अपनी पत्तियों को नहीं छोड़ता है । वृक्ष की शखाएं 150 फुट तक ऊँची है और सभी दिशाओं में फैली है । यहां तक कि पेड़ की शाखाएं ठीक नीचे पहाड़ी के किनारे से भी बाहर आ रही है। एक शाखा तो देखने में भगवान गणेश के समान लगती है। आश्रम के इस परिसर में कई देवताओं के मंदिर स्थापित है । जिसमें वृक्ष के करीब एक मंदिर में शुक्देव गोस्वामी जी राजा परीक्षित को कथा सुनाते हुए की मूर्तियाँ स्थापित है ।
शुकतीर्थ के पूर्व में गंगा की एक धारा बहती है । जो हरिद्वार और ऋषिकेश में तेज और शक्तिशाली नदी की तुलना में बेहद शांत और शांतिपूर्ण है । कई तीर्थयात्री यहां आकर पवित्र स्नान करते हैं। हालांकि, यह गंगा की एक शाखा है जो गांव के आगे बहती है, जबकि गंगा की मुख्य शाखा यहाँ से 3 से 4 किलोमीटर दूर है। यह वही क्षेत्र है जहां अर्जुन के पोते राजा परीक्षित ने अपना शरीर छोड़ था ।
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फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट देहरादून है l जो लगभग १२६ किलोमीटर दूर है l दूसरा निकटतम हवाई अड्डा इंदिरा गाँधी नयी दिल्ली अंतर राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो लगभग १३३ किलोमीटर दूर है l
ट्रेन द्वारा
निकटतम रेलवे स्टेशन मुज़फ्फरनगर है जो २८ किलोमीटर दूर हैं l
सड़क के द्वारा
भोपा प्राइवेट बस स्टैंड और मुज़फ्फरनगर रोडवेज बस स्टैंड से शुक्रताल के लिए नियमित बस सेवा है l शुक्रताल मुज़फ्फरनगर से २८ किलोमीटर दूर है l